चण्डीगढ़ में क्षुल्लक श्री प्रज्ञांशसागर जी गुरुदेव के सानिध्य में श्री 1008 सिद्धचक्र महामण्डल विधान का हुआ शुभारम्भ
Shri 1008 Siddhachakra Mahamandal Vidhan Started
आज से लगातार 9 दिन तक श्री दिगंबर जैन मंदिर सेक्टर 27 बी चंडीगढ़ में गूंजे की सिद्धों की आराधना की गूंज
Shri 1008 Siddhachakra Mahamandal Vidhan Started: श्रीमान धर्म बहादुर जैन सपरिवार (जैन मिलन चंडीगढ़) के निर्मल भावों का है प्रतिफल श्री 1008 सिद्धचक्र महामण्डल विधान(Sri 1008 Siddhachakra Mahamandal Vidhan) का आयोजन।
प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी पुष्पेन्द्र शास्त्री दिल्ली एवं पण्डित आशीष कुमार जैन के निर्देशन में विधान की मांगलिक क्रियायें सम्पन्न हुई। प्रातःकाल 7बजे मंगलाष्टक, देव आज्ञा, गुरु आज्ञा, दिग्बन्धन, सकलीकरण, आचार्य निमंत्रण, इन्द्र प्रतिष्ठा, मण्डप प्रतिष्ठा, जाप्यानुष्ठान, आदि के पश्चात् ध्वाजारोहण कर्ता श्रीमान अमित जैन पूजा जैन एवं महावीर जैन (अर्थ प्रकाश), पांडाल उद्घाटन कर्ता श्रीमान सत्यपाल जैन (पूर्व सांसद चंडीगढ़), चित्र अनावरण अजय कुमार जैन (एडवोकेट हाई कोट), श्रीमान नवरत्न जैन, संतकुमार जैन आदि ने किया, अखंड ज्योति स्थापित कर्ता श्रीमान अंकुर जैन नीलांजना जैन (आयकर विभाग चंडीगढ़)।
नित्य पूजा, मूलनायक श्री महावीर पूजा, नन्दीश्वर पूजा, सिद्ध भक्ति, सिद्धचक्र महामंडल विधान की स्वर लहरियों के माध्यम से आनन्द छा गया।
परम पूज्य श्रमण अनगाराचार्य श्री विनिश्चयसागर जी महाराज(Shraman Angaracharya Shri Vinschayasagar Ji Maharaj) के आज्ञानुवर्ती जिनवाणी पुत्र परम पूज्य क्षुल्लक श्री प्रज्ञांशसागर जी गुरुदेव ने सिद्धचक्र महामण्डल विधान के पावन शुभ अवसर पर कहा धर्म की छाया में रहो लेकिन फल की आशा मत करो क्योंकि धर्मवृक्ष वट वृक्ष है। वह केवल विश्राम देता है। धर्म भूखे के लिए भोजन है, प्यासे के लिए पानी है, अंधे के लिए आंखे और परिंदे के लिए पंख है। धर्म वह है जो हम अपने लिए चाहते हैं वही दूसरों के लिए चाहना, हम अपने लिए सुख-सौभाग्य, खुशी, प्रेम, स्वर्ग चाहते हैं बस दूसरों के लिए भी यही चाहना है। वहीं मैनासुन्दरी ने किया; वह विश्व की आदर्श बन गई है। उनकी भक्ति, जन-जन की बन गई।
शाम 6 बजे आरती, गुरु भक्ति, प्रवचन, प्रश्न मंच, सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन सन्ध्या आदि कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें भारी संख्या में आकर सभी ने लाभ लिया।
यह पढ़ें:
'स्वच्छ जल, स्वच्छ मन': निरंकारी सत्गुरु माता जी द्वारा ‘प्रोजेक्ट अमृत’ का शुभारंभ
प्रॉपर्टी ऑनर्स नेवप्रशासन के फैसले के खिलाफ निकाला कैंडल मार्च।